चिकित्सीय उपयोग (लाभ):
ऑस्टियोआर्थराइटिस, स्पॉन्डिलाइटिस, रूमेटॉइड, गठिया, लुंबांगो कटिस्नायुशूल और अन्य मस्कुलोस्केलेटल विकार।
मुख्य सामग्री:
बाला, दशमूल, एरंड, धतूरा बीज, सोंठ, रक्तगुंजा, सेंधानमक, तारपीन तेल, तिल का तेल, गंधपूर्ण तेल, शुद्ध कपिलु आदि।
इस्तेमाल केलिए निर्देश:
प्रभावित क्षेत्र पर हल्के हाथों से मालिश करें या चिकित्सक या आयुर्वेदाचार्य के निर्देशानुसार मालिश करें
केवल बाहरी उपयोग के लिए
सावधानियां:
हरी सब्जियां, मौसमी फल दूध और कैल्शियम युक्त आहार लें। शरीर का वजन भी नियंत्रित रखना चाहिए
(आकार) में उपलब्ध:
50 मि.ली., 100 मि.ली
सुरक्षा संबंधी जानकारी:
- उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
- ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें
- सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें
चिकित्सीय उपयोग (लाभ):
ऑस्टियोआर्थराइटिस, स्पॉन्डिलाइटिस, रूमेटॉइड, गठिया, लुंबांगो कटिस्नायुशूल और अन्य मस्कुलोस्केलेटल विकार।
मुख्य सामग्री:
बाला, दशमूल, एरंड, धतूरा बीज, सोंठ, रक्तगुंजा, सेंधानमक, तारपीन तेल, तिल का तेल, गंधपूर्ण तेल, शुद्ध कपिलु आदि।
इस्तेमाल केलिए निर्देश:
प्रभावित क्षेत्र पर हल्के हाथों से मालिश करें या चिकित्सक या आयुर्वेदाचार्य के निर्देशानुसार मालिश करें
केवल बाहरी उपयोग के लिए
सावधानियां:
हरी सब्जियां, मौसमी फल दूध और कैल्शियम युक्त आहार लें। शरीर का वजन भी नियंत्रित रखना चाहिए
(आकार) में उपलब्ध:
50 मि.ली., 100 मि.ली
सुरक्षा संबंधी जानकारी:
- उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
- ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें
- सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें