तनसुख नित्यानंद रस फाइलेरिया में असरदार
मुख्य सामग्री:
आयुर्वेदिक चिकित्सा - भैषज्य रत्नावली
टॉनिक और परिवर्तनकारी के रूप में कार्य करें। फाइब्रॉएड, गंडामाला आदि में संकेतित, फाइलेरिया में बहुत प्रभावी है।
सामग्रियां, कज्जली, ताम्र भस्म, कांस्य भस्म , हरताल, वंग भस्म, नील तूतिया , शंख भस्म, दंती, कपर्दक भस्म, त्रिकटु, त्रिफला, विवाडिंग , पंच-लवन, चव्य, देवदारु , पिपलमूल, कपूर, पाठा, एला, विदारा बीज , निशोथ, चित्रकमूल
उपयोग के लिए दिशा-निर्देश: खुराक
2 गोलियाँ दिन में दो या तीन बार पानी के साथ या आयुर्वेदाचार्य या चिकित्सक के निर्देशानुसार लें
(आकार) में उपलब्ध:
10 ग्राम, 500 ग्राम, 1 किग्रा
सुरक्षा संबंधी जानकारी:
- उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
- ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें
- सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें
तनसुख नित्यानंद रस फाइलेरिया में असरदार
मुख्य सामग्री:
आयुर्वेदिक चिकित्सा - भैषज्य रत्नावली
टॉनिक और परिवर्तनकारी के रूप में कार्य करें। फाइब्रॉएड, गंडामाला आदि में संकेतित, फाइलेरिया में बहुत प्रभावी है।
सामग्रियां, कज्जली, ताम्र भस्म, कांस्य भस्म , हरताल, वंग भस्म, नील तूतिया , शंख भस्म, दंती, कपर्दक भस्म, त्रिकटु, त्रिफला, विवाडिंग , पंच-लवन, चव्य, देवदारु , पिपलमूल, कपूर, पाठा, एला, विदारा बीज , निशोथ, चित्रकमूल
उपयोग के लिए दिशा-निर्देश: खुराक
2 गोलियाँ दिन में दो या तीन बार पानी के साथ या आयुर्वेदाचार्य या चिकित्सक के निर्देशानुसार लें
(आकार) में उपलब्ध:
10 ग्राम, 500 ग्राम, 1 किग्रा
सुरक्षा संबंधी जानकारी:
- उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
- ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें
- सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें