चिकित्सीय उपयोग (लाभ):
गठिया में असरदार
जोड़ों का दर्द, पीठ दर्द, पसलियों में दर्द और सभी वात रोग
मुख्य सामग्री:
बेल, अश्वगंघा, कटेरी बड़ी, सोनपथ, खरेटी, परिभंडरा, पुनर्नवा, जावित्री, शतावरी स्वरस, तिल तैला आदि।
इस्तेमाल केलिए निर्देश:
प्रभावित भागों की मालिश और सिंकाई या चिकित्सक या आयुर्वेदाचार्य के निर्देशानुसार
(आकार) में उपलब्ध:
50 मिली, 100 मिली, 200 मिली, 500 मिली, 1 लीटर
सुरक्षा संबंधी जानकारी:
- उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
- ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें
- सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें
चिकित्सीय उपयोग (लाभ):
गठिया में असरदार
जोड़ों का दर्द, पीठ दर्द, पसलियों में दर्द और सभी वात रोग
मुख्य सामग्री:
बेल, अश्वगंघा, कटेरी बड़ी, सोनपथ, खरेटी, परिभंडरा, पुनर्नवा, जावित्री, शतावरी स्वरस, तिल तैला आदि।
इस्तेमाल केलिए निर्देश:
प्रभावित भागों की मालिश और सिंकाई या चिकित्सक या आयुर्वेदाचार्य के निर्देशानुसार
(आकार) में उपलब्ध:
50 मिली, 100 मिली, 200 मिली, 500 मिली, 1 लीटर
सुरक्षा संबंधी जानकारी:
- उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
- ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें
- सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें