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कालमेघासव सिरप

कालमेघासव सिरप

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MRP ()
नियमित रूप से मूल्य ₹ 165.18
नियमित रूप से मूल्य विक्रय कीमत ₹ 165.18
बिक्री बिक गया

चिकित्सीय उपयोग (लाभ)

  • Tansukh Kalmeghasav Syrup Effective in Management of malaria, typhoid, and all types of fever, anaemia, jaundice and other liver disorders

मुख्य सामग्री:

  • Sunthi, kalimirch, pippali, lauh bhasma, Rohitak, Tejpatra, Dalchini, Elaichi badi, Sharpunkha, Aluwa, Haritaki, Bibhitaka, Babool, Dhataki, Gud.

इस्तेमाल केलिए निर्देश:

  • 3 to 6 teaspoonful (15 to 30ml) with equal water twice after meals or as directed by Ayurvedacharya or Physician

(आकार) में उपलब्ध:

  • 450ml

सुरक्षा संबंधी जानकारी:

  • Read the label Carefully before use
  • Store in a cool place and dry place, Away from direct sunlight
  • Keep out of the reach of children
  • Do not exceed the recommended dose
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    पूरी जानकारी देखें

    तनसुख कालमेघासव सिरप मलेरिया, टाइफाइड और सभी प्रकार के बुखार, एनीमिया, पीलिया और अन्य यकृत विकारों के प्रबंधन में प्रभावी है।

    आयुर्वेदिक चिकित्सा - आयुर्वेद सारसंग्रह

    मुख्य सामग्रियां: प्रत्येक 10 मिलीलीटर निम्न से तैयार किया जाता है:

    क्वाथ द्रव्य (Dct. of ) : कालमेघ, सप्तपर्णा, कुटकी, करंज, कुटज

    प्रक्षेप द्रव्य (Pwd. of ): सुंथी, कालीमिर्च, पिप्पली, लौह भस्म, रोहितक, तेजपत्र, दालचीनी, इलाइची बड़ी, शरपुंखा, अलुवा, हरीतकी, बिभीतका, बबूल, धातकी, गुड़।

    उपयोग के लिए दिशा-निर्देश:

    3 से 6 चम्मच (15 से 30 मि.ली.) बराबर पानी के साथ भोजन के बाद दो बार या आयुर्वेदाचार्य या चिकित्सक के निर्देशानुसार

    परहेज : मसाले, तेल, बासी और गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए।

    इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह हिलायें।

    स्व-निर्मित शराब

    नोट: बोतल खोलने के बाद एक महीने के अंदर इस जूस का सेवन करें. (बोटल चिप्स के बाद एक महीने के अंदर इस रस का सेवन करें)

    (आकार) में उपलब्ध:

    450 मि.ली.,

    सुरक्षा संबंधी जानकारी:

    • उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
    • ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
    • बच्चों की पहुंच से दूर रखें
    • सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें

    तनसुख कालमेघासव सिरप मलेरिया, टाइफाइड और सभी प्रकार के बुखार, एनीमिया, पीलिया और अन्य यकृत विकारों के प्रबंधन में प्रभावी है।

    आयुर्वेदिक चिकित्सा - आयुर्वेद सारसंग्रह

    मुख्य सामग्रियां: प्रत्येक 10 मिलीलीटर निम्न से तैयार किया जाता है:

    क्वाथ द्रव्य (Dct. of ) : कालमेघ, सप्तपर्णा, कुटकी, करंज, कुटज

    प्रक्षेप द्रव्य (Pwd. of ): सुंथी, कालीमिर्च, पिप्पली, लौह भस्म, रोहितक, तेजपत्र, दालचीनी, इलाइची बड़ी, शरपुंखा, अलुवा, हरीतकी, बिभीतका, बबूल, धातकी, गुड़।

    उपयोग के लिए दिशा-निर्देश:

    3 से 6 चम्मच (15 से 30 मि.ली.) बराबर पानी के साथ भोजन के बाद दो बार या आयुर्वेदाचार्य या चिकित्सक के निर्देशानुसार

    परहेज : मसाले, तेल, बासी और गरिष्ठ भोजन से बचना चाहिए।

    इस्तेमाल से पहले अच्छी तरह हिलायें।

    स्व-निर्मित शराब

    नोट: बोतल खोलने के बाद एक महीने के अंदर इस जूस का सेवन करें. (बोटल चिप्स के बाद एक महीने के अंदर इस रस का सेवन करें)

    (आकार) में उपलब्ध:

    450 मि.ली.,

    सुरक्षा संबंधी जानकारी:

    • उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
    • ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
    • बच्चों की पहुंच से दूर रखें
    • सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें

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