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पुनर्नवाष्टक काढ़ा
पुनर्नवाष्टक काढ़ा
तनसुख पुनर्नवास्तक काढ़ा एनीमिया और जीआईटी विकार में प्रभावी है
मुख्य सामग्री:
पुनर्नवा, नीम, पटोल पत्र, सोंठ, कुटकी, गिलोय, देवदारू, हरड़
इस्तेमाल केलिए निर्देश:
एक खुराक के लिए 5 से 10 ग्राम काढ़े को 16 गुना मात्रा में पानी में तब तक उबालें जब तक पानी 1/4 न रह जाए।
इस मिश्रण को छानकर प्रयोग करें।
खुराक :
प्रति दिन 2 से 3 खुराक या चिकित्सक के निर्देशानुसार
(आकार) में उपलब्ध:
500 ग्राम, 250 ग्राम, 100 ग्राम
सुरक्षा संबंधी जानकारी:
- उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
- ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें
- सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें
रसनासप्तक काढ़ा
रसनासप्तक काढ़ा
चिकित्सीय उपयोग (लाभ):
वाटिक विकारों में प्रभावी
मुख्य सामग्री:
गिलोय, रस्ना, गोखुरू, एरंडमूल, देवदारू, पुनर्नवा, अमलतास आदि
इस्तेमाल केलिए निर्देश:
एक खुराक के लिए 5 से 10 ग्राम ओजी क्वाथ को 16 भाग पानी में तब तक उबालें जब तक पानी 1/4 न रह जाए।
इस मिश्रण को छानकर प्रयोग करें।
(आकार) में उपलब्ध:
500 ग्राम, 250 ग्राम, 100 ग्राम
सुरक्षा संबंधी जानकारी:
- उपयोग से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
- ठंडी जगह और सूखी जगह पर, सीधी धूप से दूर रखें
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें
- सलाह डी गयी खुराक से अधिक न करें